tag:blogger.com,1999:blog-1296589884026532144.post2600594971805330177..comments2013-07-27T00:43:20.511-07:00Comments on मैथिली दर्पण: पहिल डेग : उपेन्द्र दोषीविजय ठाकुरhttp://www.blogger.com/profile/07434149725823745952noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1296589884026532144.post-54101774948617347942007-10-23T13:54:00.000-07:002007-10-23T13:54:00.000-07:00आपकी पत्रिका देखा । मजा आ गया । लोकभाषाओं के संवर्...आपकी पत्रिका देखा । मजा आ गया । लोकभाषाओं के संवर्धन की दिशा में यह नेक काम है । क्या इसका हिंदी अनुवाद आप भेज सकते हैं । हम इसे www.srijangatha.com पर छापना चाहेंगे । आप हिंदीगाथा के बारे में जो चाह रहे हैं हम उसी दिशा में कुछ कर रहे हैं । <BR/>सादरजयप्रकाश मानसhttps://www.blogger.com/profile/16792869521782040232noreply@blogger.com